
आजकल की दौड़-भाग भरी जिंदगी में, शारीरिक आकार और दिखावट पर लोगों की दृष्टि हमेशा बनी रहती है। खासकर बॉलीवुड के सितारों के लिए, इस दबाव का सामना करना आम बात है। हाल ही में, बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने इस विषय पर बात करते हुए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है।
एक मीडिया इंटरव्यू में, सोनाक्षी सिन्हा ने खुलासा किया कि बॉडी शेमिंग की शुरुआत घर से ही होती है। उन्होंने कहा कि वे स्वस्थ शरीर की छवि पेश करने के लिए जानी जाती हैं, और इसमें कोई गलती नहीं है। ये उनकी खुद की मेहनत और संघर्ष का परिणाम है।
यद्यपि आजकल के दौर में सोनाक्षी जैसे अभिनेत्रियों को बॉडी शेमिंग का निशाना बनाना आम बात हो गई है, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया है कि वह इसका खुद कोई बदलाव नहीं चाहती हैं। उन्होंने कहा, “मुझे मेरी खुद की तस्वीर अच्छी लगती है और मैं इसे पूरी दुनिया के सामने रखना चाहती हूँ।”


सोनाक्षी का कहना है कि बॉडी शेमिंग के पीछे कई कारण हो सकते हैं। उन्हें अपने बचपन का वो समय याद है जब उनकी माँ उन्हें लगातार वजन कम करने के लिए कह रही थी। लेकिन वह उन माताओं को दोष नहीं देती जो अपनी बेटियों का वजन कम करना चाहती हैं। उन्हें विश्वास है कि शायद वे भी उसी दबाव से गुज़रे होंगे और हो सकता है कि उनके माता-पिता भी उन्हें यही बात बता रहे हों। इससे उन्होंने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है – हर इंसान को सपने देखने का अधिकार है, और दुनिया बेहतर होगी अगर लोग एक-दूसरे के प्रति दयालु व्यवहार करें।
बॉडी शेमिंग एक समस्या है जिससे लगभग सभी लोग प्रभावित होते हैं, चाहे वह सेलेब्रिटी हों या आम आदमी। यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है और खुदग्राहियों के आत्मविश्वास को कम कर सकती है। सोनाक्षी सिन्हा के वचनों से स्पष्ट होता है कि हमें अपने शरीर को स्वीकारना चाहिए और उसे प्यार करना चाहिए, चाहे वह किसी भी आकार या आकृति में हो।
यह एक महत्वपूर्ण संदेश है जो हमें सोचने पर मजबूर करता है। बॉलीवुड स्टार सोनाक्षी सिन्हा की यह बदतमीजी और बॉडी शेमिंग के खिलाफ युद्ध विजयी है और हमें सभी को एक-दूसरे की असली खूबसूरती को स्वीकारने की दिशा में प्रेरित करती है। इससे हमें आपसी समझ, प्रेम और सहयोग के महत्व का अनुभव होता है और हम सबको एक दूसरे के लिए सहानुभूति और सम्मान का आदान करना चाहिए।


बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने हाल ही में एक साक्षात्कार में अपनी बदतमीजी और बॉडी शेमिंग के खिलाफ बोलते हुए बड़े वक्तव्य किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह मोटापे को बढ़ावा नहीं देती हैं और न ही यह फ़िल्मों का मकसद होता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दूसरे लोगों के शरीर को लेकर ताने बजाना और उन्हें बदनाम करना गलत है।
सोनाक्षी सिन्हा ने अपने साक्षात्कार में इस बात को ज़ोर दिया कि उन्होंने अपने काम के बजाय अपने वजन के बारे में बात करने वाले लोगों को नज़रअंदाज़ करने की बहुत कोशिश की है। उन्होंने हमेशा एक स्वस्थ शरीर की छवि पेश करने की कोशिश की है और उन्हें लगता है कि हर इंसान को खुद को एक स्वस्थ शरीर के रूप में स्वीकार करना चाहिए।
एक अन्य साक्षात्कार में सोनाक्षी सिन्हा ने कहा, “हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जहां न केवल आपके शरीर के लिए बल्कि हर चीज़ के लिए हमारा उपहास किया जा सकता है।” हालांकि, उन्हें लगता है कि लोगों को अपने शरीर को ‘तथाकथित मानकों’ के अनुसार आकार देना चाहिए नहीं है। हर इंसान अद्वितीय होता है और हर शरीर अपनी ख़ूबसूरती को अपने तरीके से प्रदर्शित करता है।


सोनाक्षी सिन्हा के इस वक्तव्य ने लोगों में एक सोच बदलने की प्रेरणा दी है। यह बात हमें सोचने पर मजबूर करती है कि हमें हर इंसान की ख़ूबसूरती को समझना चाहिए और उन्हें उनकी महत्वाकांक्षाओं और अंतर्निहित गुणों के आधार पर मूल्यांकन करना चाहिए। हमें एकदृष्टि में समानता को बढ़ावा देना चाहिए और हर किसी की अनूठी पहचान को सम्मान करना चाहिए।
सोनाक्षी ने बताया कि उन्हें अपने आप में हमेशा गोल-मटोल रहने की परेशानी होती रही है। इसके बावजूद, वहने हमेशा अपने संवेदनशील और स्वतंत्र व्यक्तित्व के लिए प्रस्तुत रही हैं। इसे अच्छी तरह से जानते बॉलीवुड के प्रशंसक उन्हें एक अद्वितीय अभिनेत्री के रूप में जानते हैं।

अपने इंटरव्यू में सोनाक्षी ने कहा, “यह परेशान करने वाला है। मैं जो भी करती हूँ, उसके लिए लोगों की नजरों में अपने आप को बदलना पड़ता है।” उन्होंने अपनी आगामी फ़िल्म ‘डबल एक्सएल’ के बारे में भी बताया, जिसमें वह हमा कुरैशी के साथ काम कर रही हैं। यह उनकी पहली कॉमेडी फ़िल्म है, जिसमें उन्होंने सह-निर्माण का भी योगदान दिया है। फ़िल्म ने 4 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है और दर्शकों ने इसे काफ़ी पसंद किया है।
लेकिन इसके अलावा, सोनाक्षी को हमेशा यह देखकर परेशानी होती है कि उन्हें अक्सर उसी अभिनेत्री के रूप में जाना जाता है, जो पहले अपने वजन को लेकर संघर्ष कर रही थी। उनके अभिनय कौशल और आकर्षक व्यक्तित्व की बात करें तो ये जरूरी नहीं है कि उनका वजन उनके करियर का मुख्य तत्व हो।

उन्होंने कहा कि वह हर युवा के लिए एक रोल मॉडल बनना चाहती है, जो बॉडी शेमिंग की दवा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब वह बड़ी हो रही थीं, तो मेरे पास यह बताने वाला कोई नहीं था कि सब कुछ ठीक होने वाला है और यह आकार और वजन कोई मायने नहीं रखता।
यह बात दिलचस्प है कि सोनाक्षी सिन्हा अपनी किशोरावस्था में पारंपरिक ऊंचाई-वजन मानकों से अधिक वजन वाली थीं, लेकिन वह बहुत ही स्पोर्टी और एथलेटिक थीं जो दर्शाती हैं कि वह कभी भी अस्वस्थ या बीमार नहीं थीं।
इस बयान से सोनाक्षी सिन्हा ने बॉडी पॉजिटिविटी को मजबूती से सपोर्ट किया है। वे यह बताना चाहती हैं कि हर व्यक्ति की सौंदर्य मानकों से परे अनेक गुण होते हैं और हमें खुद को स्वीकार करना चाहिए। वह यह समझाना चाहती हैं कि बॉडी शेमिंग और बदतमीजी नकारात्मक होती हैं और हमें अपने शरीर को प्यार करना चाहिए।

