एक बार फिल्म सैराट ने मराठी फ़िल्म उद्योग को एक नयी ऊँचाई पर पहुंचा दिया। इस फ़िल्म ने मराठी फ़िल्म उद्योग के तरीकों पर एक नया मानदंड स्थापित किया। निर्देशक नागराज मंजुले की मार्गदर्शन में बनी यह फ़िल्म एक अलग दर्जे तक पहुंच गई। यह फ़िल्म देश और विदेशों में बड़े पैमाने पर देखी गई और विदेशों में उसने अच्छा व्यापार किया। इसके साथ ही, इस फ़िल्म को नेशनल अवॉर्ड भी प्राप्त हुआ। इस फ़िल्म में अभिनेत्री रिंकू राजगुरु को भी नेशनल अवॉर्ड मिला। यह फ़िल्म ने व्यापारिक रूप से भी अच्छा प्रदर्शन किया।
फ़िल्म के बाद इसे “धड़क” के नाम से हिंदी में भी रीमेक किया गया। इस फ़िल्म में श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर भी अभिनय कर रही थी। लेकिन, यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर उच्च प्रदर्शन नहीं कर सकी। सैराट के बाद से, रिंकू को अच्छे ऑफर आने लगे।
रिंकू राजगुरु का जन्म 3 जून 2001 को महाराष्ट्र के अकलुजू शहर में हुआ। उन्हें सातवीं कक्षा के एक कार्यक्रम में नागराज मंजुले ने पहली बार देखा था। उसके बाद, रिंकू के पिता महादेव राजगुरु से मंजुले ने उनके अभिनय के बारे में पूछा। उसके बाद, राजगुरु ने मंजुले को रिंकू की फ़िल्म में अभिनय करने के लिए हाँ कह दी। उसके बाद फ़िल्म सैराट की शूटिंग शुरू हो गई।
इस तरह, नागराज मंजुले और रिंकू राजगुरु ने मिलकर एक सफल फ़िल्म निर्माण की जगह बनाई और फ़िल्म उद्योग में अपनी पहचान बनाई। इन दोनों कलाकारों ने अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर फ़िल्म इंडस्ट्री में उच्च स्थान प्राप्त किया है।
रिंकू राजगुरु ने बताया कि वह नागराज मंजुले से पहली बार 2013 में मिलीं थीं, जब उन्हें सैराट फ़िल्म के लिए चयनित किया गया था। उन्होंने इस फ़िल्म के लिए 3 साल तक ट्रेनिंग ली और अपनी अदाकारी को मजबूत किया। इस फ़िल्म ने उन्हें महाराष्ट्र में बहुत प्रसिद्धि दिलाई और उन्हें एक बड़ी अभिनेत्री के रूप में उभारा।
रिंकू राजगुरु के अनुसार, नागराज मंजुले एक बहुत ही अद्भुत निर्माता और निर्देशक हैं। उन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री में एक नया मानदंड स्थापित किया है और सोशल मुद्दों पर चर्चा करने वाली फ़िल्मों के माध्यम से लोगों को सोचने पर मजबूर किया है।
रिंकू ने अपने इंटरव्यू में दर्शाया कि वह नागराज मंजुले के विचारों को मानती हैं और उनके साथ काम करने का अवसर पाकर उन्हें गर्व महसूस होता है। उन्होंने कहा कि नागराज मंजुले के साथ काम करने के दौरान वह नई चुनौतियों का सामना करने का मौका मिला और अपनी अदाकारी में सुधार देखा। वह नागराज मंजुले को एक अद्वितीय और समर्पित निर्माता-निर्देशक के रूप में सम्मानित करती हैं।
रिंकू राजगुरु ने अपने इंटरव्यू में कहा, “नागराज मंजुले के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। उन्होंने मुझे एक अद्वितीय मौका दिया और मुझे अपने करियर में एक अद्वितीय स्थान दिया। उनके साथ काम करना मेरे लिए एक सौभाग्य है और मैं उन्हें हमेशा सम्मान करूँगी।”
इस तरह, रिंकू राजगुरु ने नागराज मंजुले की प्रशंसा की और उनके साथ काम करने का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि नागराज मंजुले के निर्माण में फ़िल्मों का एक नया मानदंड स्थापित हुआ है और उनके साथ काम करने के द्वारा वह नए और रोमांचक प्रोजेक्ट्स में हिस्सा लेने का मौका प्राप्त करती हैं।
रिंकू राजगुरु ने अपने इंटरव्यू में कहा है कि नागराज मंजुले एक व्यक्ति हैं जिन्हें किसी की राय की जरूरत नहीं होती है। वे अपनी बात के पक्के होते हैं और खुद के विचारों पर अड़े रहते हैं। इसलिए, रिंकू कहती हैं कि वे और बहुत सारे लोग नागराज मंजुले की सलाह और दिशा निर्देश पर चलते हैं। वे उन्हें पूरी ईमानदारी से मानते हैं क्योंकि उनकी राय कभी भी उन्हें निराश नहीं करती है।
विशेषज्ञ रूप में, रिंकू राजगुरु ने नागराज मंजुले को बहुत प्रतिभाशाली निर्देशक बताया है। उन्होंने कहा कि नागराज मंजुले एक अद्भुत कथाकार हैं और उनकी फिल्मों में उनकी कहानियाँ ऐसी होती हैं जिन्हें देखकर हर कोई प्रभावित हो जाता है। उनकी निर्देशन शैली आसान और सुंदर होती है, जिसके कारण उन्हें देखने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है।