भारत देश ने विभिन्न क्षेत्रों में विश्वस्तरीय व्यक्तित्वों को उत्पन्न किया है जिन्होंने अपनी प्रतिभा, साहसिकता, और सोच के माध्यम से दुनिया को प्रभावित किया है। यहां हम 8 ऐसे व्यक्तित्वों के बारे में बात करेंगे जो विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाने में सफल रहे हैं।
1. महात्मा गांधी
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में जब भी सेनानियों की बात होती है, तो जो नाम सबसे पहले उभरकर आता है, वह महात्मा गांधी का है। यह एक ऐसे सामान्य व्यक्ति थे जो सदा जीवन उच्च विचारों में विश्वास रखते हुए शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलते थे।
2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर इलाके में जन्मे महात्मा गांधी ने भारत को स्वतंत्र करने के लिए कई आंदोलन चलाए, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इनको आज राष्ट्रपिता से संबोधित किया जाता है और इनके जन्मदिन के दिन अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
महात्मा गांधी का जीवन एक अद्भुत उदाहरण है जो सबके लिए प्रेरणा का स्रोत बना है। उनके द्वारा चलाए गए आंदोलनों ने देश को स्वतंत्रता की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया। उनके सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों ने दुनिया को दिखाया कि संघर्ष और विरोध के बजाय समझौता और सौहार्दपूर्ण तरीके से भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
2. मदर टेरेसा
मदर टेरेसा का नाम सुनते ही हमारे मन में एक त्याग और सेवा का अद्भुत दृश्य तैयार हो जाता है। उन्होंने आपातकाल में भारतीय समाज की मदद करने के लिए एक संस्था स्थापित की और अपने जीवन को संपूर्णतया उस सेवा में समर्पित कर दिया। आइए, हम देखते हैं कि मदर टेरेसा के बारे में कुछ अधिक जानकारी और उनकी महत्वपूर्ण योगदानों के बारे में।
मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को अलबेनिया के शाहीनद्रज में हुआ था। उनके असामान्य भूतपूर्व परिवार में वे खुश रहती थीं, लेकिन यह सुख उनके लिए परमात्मा के लिए सेवा करने के लिए समर्पित करने की इच्छा से छिन गया। उन्होंने कोलकाता में जब भीक्षु के रूप में एक नन के रूप में आयी, उन्होंने अपने आसपास के दुखी और असहाय लोगों की देखभाल की।
सन् 1950 में मदर टेरेसा ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी नामक संस्था की स्थापना की, जो किसी भी जनता के सदस्य को निःस्वार्थ भाव से सेवा करने का लक्ष्य रखती है। उन्होंने गरीब, बीमार, बेघर, वृद्ध, और बच्चों की मदद करने के लिए इस संस्था की स्थापना की। आपदा और दुख के समय मदर टेरेसा हमेशा मौजूद रहती थीं और उन्होंने इन लोगों के लिए आशा, प्रेम और सम्मान का साथ लेकर आयी।
3. स्वामी विवेकानन्द
स्वामी विवेकानन्द एक महान भारतीय व्यक्तित्व थे जिन्होंने अपने जीवन के दौरान आपातकाल में भारत के संस्कृति, धर्म और दर्शन को प्रचारित करने का कार्य किया। उन्होंने अपनी सोच और अद्भुत व्यक्तित्व के माध्यम से बहुत से लोगों को प्रभावित किया और उन्हें उनकी शिक्षाएं और आदर्शों के माध्यम से जीवन में सफलता और आनंद की प्राप्ति करने का मार्ग दिखाया।
स्वामी विवेकानन्द का सबसे मशहूर प्रभावशाली संदेश उनकी अमेरिका यात्रा के समय प्रस्तुत हुआ, जहां उन्होंने विश्व धर्म महासभा में भारतीय धर्म और दर्शन के बारे में विचारों को व्यक्त किया। उनकी बातें उस सभा में महान प्रशंसा प्राप्त करने के बाद उन्हें विश्वगुरु के रूप में मान्यता दी गई।
विवेकानन्द ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जो एक अद्वैत वेदांती संस्था है और जिसका उद्देश्य मानव सेवा, ध्यान और अध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देना है। आज भी यह संस्था उनके आदर्शों और सिद्धांतों के आधार पर सफलतापूर्वक चल रही है और उनके जीवन के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए लोगों की मदद कर रही है।
4. सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर का नाम अपने दौर के सबसे सफल बल्लेबाज के रूप में प्रसिद्ध हो गया है। उन्होंने 200 टेस्ट मैचों में 15,921 रन बनाए, जिसमें उन्होंने 51 शतक और 68 पारी बनाई। सचिन तेंदुलकर ने विश्व कप में भी अपनी शानदार प्रदर्शन करते हुए देश को गर्व महसूस कराया है। उन्होंने बीते साल 2011 में भारत को वनडे विश्व कप का खिताब दिलाया था। इस महान उपलब्धि के बाद उन्हें टीम इंडिया का कप्तान भी बनाया गया।
उनका खेल के साथ-साथ अद्वितीय कैरियर भी है। सचिन तेंदुलकर को राष्ट्रीय पदक पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है, जिससे उन्होंने भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है।सचिन तेंदुलकर के अलावा, महात्मा गांधी भी भारत के व्यक्तित्वों में सर्वोच्च स्थान रखते हैं। गांधीजी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना अद्वितीय योगदान दिया है और उनके अद्वितीय सिद्धांतों ने दुनिया भर में लोगों को प्रभावित किया है।
5. ए.पी.जे अब्दुल कलाम
अब्दुल कलाम ने वैज्ञानिक अध्ययनों में बड़ी मेहनत की है। उन्होंने अपने अनुसंधानों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाने का सपना देखा और इसे हकीकत में बदलने का प्रयास किया। वे न केवल न्यूक्लियर और बैलिस्टिक मिसाइल्स के क्षेत्र में मान्यता प्राप्त करने में सक्षम रहे, बल्कि अपने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के ज्ञान का सार्वभौमिक उपयोग भी किया।
उनके द्वारा निर्मित अग्नि और पृथ्वी मिसाइलें देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित हुईं। इन मिसाइलों के बनावटीकरण कार्यक्रम के परिणामस्वरूप, भारत एक ताकतवर राष्ट्र बनने का मार्ग चुन सका। यह इनकी अद्भुत वैज्ञानिक क्षमता और कौशल का प्रतीक है।
सन् 2002 में जब अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति बने, तब देश ने गर्व का अनुभव किया। उनके कार्यकाल में भारत ने वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दिशाओं में बहुत से उपलब्धियां हासिल कीं। वे एक सक्रीय और सामर्थ्यपूर्ण राष्ट्रपति रहे और उन्होंने देश को आगे बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल कीं।
6. कल्पना चावला
कल्पना चावला ने इतिहास रच दिया जब वे स्पेस यात्रा के दौरान भारतीय मूल की पहली महिला बन गईं। वे अंतरिक्ष में कदम रखकर भारत को गर्व महसूस करवाएं। उनका जन्म 16 मार्च, 1962 को हरियाणा के करनाल जिले में हुआ था। कल्पना ने बचपन से ही अंतरिक्ष में जाने के सपने देखे और अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने का निर्णय लिया।
उन्होंने अपनी शिक्षा के लिए अमेरिका जाकर विभिन्न विश्वविद्यालयों से अध्ययन किया। उन्होंने यूटाह विश्वविद्यालय से एरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक और मासाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री हासिल की।
सन् 1997 में, कल्पना चावला ने अपने संघी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर अपनी पहली स्पेस मिशन को पूरा किया। उन्होंने कोलंबिया स्पेस शटल के साथ स्वतंत्रता सेनानी स्टेशन पर यात्रा की और वहां परियोजनाओं का संचालन किया। उनकी इस उड़ान ने उन्हें अंतरिक्ष यात्रियों की श्रेणी में शामिल किया और उन्हें विश्व भर में पहचान दिलाई।
7. सुंदर पिचाई
सुंदर पिचाई की शिक्षा की बात करें, उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कहरागपुर से बीटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और वहां से एमएस सीएस और एमबीए की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद सुंदर पिचाई ने हैंसरग लॉबोरेटरी के लिए काम करना शुरू किया, जहां उन्होंने कंप्यूटर विज़न और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में अपनी प्रवीणता का प्रदर्शन किया।
2004 में, सुंदर पिचाई ने गूगल में काम करने का फैसला किया और उन्होंने अपनी पेशेवरी की यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने गूगल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में शुरूआत की और बाद में उन्हें अधिकारी के रूप में बढ़त दी गई। 2008 को, एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के साथ, सुंदर पिचाई को गूगल के संयोजक (को-फाउंडर) लैरी पेज द्वारा संचालित कंपनी के सीईओ के तौर पर नियुक्ति मिली। इससे पहले वे गूगल के समर्थक कार्यकारी निदेशक थे।
8. आर्यभट्ट
आर्यभट्ट भारत के सबसे प्राचीन गणितज्ञ और खगोलशास्त्री के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने अपने ग्रंथ ‘आर्यभटीय’ में विभिन्न गणितीय सिद्धांतों को संकलित किया। इस ग्रंथ में वर्गमूल, घनमूल, समानांतर श्रेणियां और अन्य समीकरणों का विस्तारपूर्वक उल्लेख है। आर्यभट्ट को ही उस समय के गणितज्ञों में से एक माना जाता है, जिन्होंने पाई के अनुमानित मान निकालने की पहली कोशिश की थी। आज भी हिंदू पंचांग में उनके ग्रंथ ‘आर्यभटीय’ का प्रयोग होता है।